सिंगापुर दौरे पर गए राहुल गांधी एक इंटरव्यू में जब फंसते दिखाई दिए तो मीडिया ने वो तुरंत लपक लिया और चलाया कि राहुल गांधी की बोलती बंद। लेकिन सिंगापुर में ही राहुल गांधी ने बचे हुए सवालों का जवाब देने के लिए अपनी फ्लाइट छोड़ दी और इस खबर का जिक्र तक ना होना थोड़ा अखरता है। जब एंकर ने कहा कि हमारे पास सवाल बहुत है सर, लेकिन आपके पास समय की कमी है आपकी फ्लाइट है। जिस पर राहुल गांधी ने कहा- तो क्या हुआ.. अगली फ्लाइट से चला जाऊंगा आप पूछिए सवाल।
“किसी व्यक्ति की योग्यता इस बात से मापी जा सकती कि उसने कितने सवालों के सही जवाब दिए लेकिन उसकी हिम्मत का पता इस बात से जरूर लगाया जा सकता है कि उसने कितने सवालों का सामना किया। ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जिसके पास सारे सवालों के जबाव हों लेकिन ऐसे कम लोग हैं जो सभी सवालों का सामना करते हैं।”
हमारे PM नरेंद्र मोदी भी 2014 से पहले सवालों का सामना करने वालों में से एक थे लेकिन तब से अब तक 4 साल हो गए एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की। एक-दो चैनलों को ही इंटरव्यू दिए और उन इंटरव्यू में पूछे गए सवालों का स्तर किसी से छिपा नहीं है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी देश में कम इंटरव्यू देते हैं लेकिन विदेश में तीखे सवालों का सामना करते दिखाई दे रहे हैं।
राहुल गांधी भले ही कम बोल पाते हों मोदी की तरह परिपक्व नेता नहीं हैं लेकिन मीडिया से तो यही उम्मीद की जाती है कि जो जैसा है वैसा तो दिखाया जाए। आप अगर पक्ष लेते दिखाई देंगे तो जिसका आप पक्ष ले रहे हैं उसे तो फायदा होगा लेकिन आपकी छवि और लोगों में आपकी विश्वसनियता में जरूर कमी आएगी।
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