काय पो छे बनाने वाले Abhishek Kapoor की फिल्म शुरू से आखिर तक बांधकर रखने वाली है। Sushant Singh Rajputऔर sara ali khan की एक्टिंग कमाल की है। इंटरवल से पहले की फिल्म जहां उत्तराखंड की खूबसूरती बयां करती है तो वहीं इंटरवल के बाद 5 साल पहले आई बाढ़ के सीन डरा देने वाले हैं।जिसमें करीब 4 हजार लोग मारे गए थे और 70 हजार से ज्यादा लोग लापता हुए थे, और इस सब के बीच एक खूबसूरत प्रेम कहानी भी पनपती है मुस्लिम लड़के और हिंदू लड़की की कहानी, और बस यही वजह है फिल्म के विरोध की जिसे लव जेहाद के नाम पर प्रचारित किया गया,और ये सब किया गया संस्कृति बचाने के नाम पर जबकि सही में उत्तराखंड की संस्कृति बचाने की कोशिश की गई होती तो शायद ये आपदा ही नहीं आती। मेरा एक साथी जो सिर्फ इस वजह से फिल्म देखने नहीं गया कि उसने किसी से सुना था कि मंदिर के सामने किसिंग सीन फिल्माया गया है, को जब मैंने बताया कि फिल्म बहुत अच्छी है और आखिर में मुस्लिम लड़का हिंदू लड़की और उसके बाप को बचाने के लिए अपनी जान देता है, तो वो बोला ऐसा कहीं होता है क्या? ये तो बस कहानी है सच में कहां होता है?
शायद वो सही था ये बस कहानी है और वो किसिंग सीन सच है, वो कहानी का हिस्सा नहीं है।समझ नहीं आता कि ये नफरत खत्म क्यों नहीं होती इतनी बड़ी-बड़ी आपदाएं आई हैं इस नफरत को अपने साथ बहाकर क्यों नहीं ले जातीं?
पता नहीं हम सब दूसरों की कही बात का इतनी जल्दी विश्वास क्यों कर लेते हैं, अपनी नजर को कम क्यों आंकते हैं? क्यों चीजों को खुद देखकर फैसला नहीं करते? बकौल साहिर लुधियानवी
ले दे के अपने पास फ़क़त इक नज़र ही तो है
क्यूँ देखें ज़िंदगी को किसी की नज़र से हम
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