तालियों का शोर थोड़ा कम कीजिए...मैं एक सवाल पूछना चाहती हूं...उन न्यायाधीश से जिनसे मैंने बारबार कहा कि मेरी जान को खतरा फिर भी आपने उन आरोपियों को जमानत क्यों दी?
एक सवाल उस पुलिस से जो एनकाउंटर में माहिर है तो उसके होते हुए मेरा एनकाउंटर कैसे हो गया?
और एक आखिरी सवाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से कि आपके होते हुए एक ही जगह पर दो-दो घटनाएं कैसे हो जाती हैं?और लड़की को बलात्कार के बाद FIR लिखवाने के आत्मदाह की धमकी क्यों देनी पड़ती है?अगर उस वक़्त आप अपने विधायक को बचाने की जगह उस लड़की के साथ खड़े होते तो मैं जिंदा होती...
वैसे तो ये सवाल मीडिया को पूछने चाहिए लेकिन वो सब तो ताली बजाने में व्यस्त हैं...उन्हें लगता है कल एनकाउंटर से सब सुधर चुका है...इसलिए मुझे पूछने पड़ रहे हैं...और आप ये सोचकर चुप मत रहना कि मैं तो रही नहीं तो जवाब कौन सुनेगा...अब आपसे जवाब हर ज़िंदा लड़की को चाहिए...अभी भले ही तालियों का शोर है लेकिन जैसे-जैसे ये शोर कम होगा आपसे सवाल पूछे जाएंगे.. इसलिए तैयारी कर लीजिए मुख्यमंत्री जी।
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