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Saturday, 4 January 2020

गुड न्यूज़ वो फिल्म जो आपको हंसाते हुए संवेदनशील बना जाएगी


ऑफिस में एक महिला साथी जो 8 महीने की प्रेगनेंट थी...अपनी बात किसी से कह रही थी कि इन दिनों में हमें बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी होती है सोने में, क्योंकि हम करवट नहीं ले सकते, हमें पूरी रात पीठ के बल ही सोना पड़ता है, उस वक्त काम में ध्यान था तो बात कानों तक ही पहुंच कर रह गई दिल तक नहीं पहुंची...लेकिन सोते वक्त वो बात याद आई और याद आया वो सकून, जो मिलता है बहुत देर एक ही करवट लेटने के बाद करवट बदलने पर।

कल जब फिल्म goodnewzz देखी जिसमें करीना कपूर अक्षय कुमार को बताती हैं कि एक बच्चे के जन्म में एक औरत कितना और क्या-क्या झेलती है और उसमें एक पुरुष का क्या योगदान होता है?वैसे आप मजाक में कुछ भी कह लें, कितनी भी मर्दानगी दिखा लें लेकिन एक बच्चे के जन्म में एक पुरुष का योगदान महज 1 प्रतिशत ही होता है और बच्चे को 9 महीने पेट में रखने,उसे जन्म देने और उसे पालने में एक महिला की पूरी जिंदगी खप जाती है...और बावजूद इसके आदमी के मुंह से अक्सर, ये मेरा खून है,मेरा वारिस है, मेरे वंश को आगे बढ़ाएगा जैसी बातें ही सुनने को मिलती हैं...खैर ये फिल्म अपनी जबरदस्त कॉमेडी के लिए तो जानी ही जाएगी लेकिन उस जरूरी मैसेज के लिए भी जानी जाएगी जो दिया है करीना कपूर और कियारा के किरदारों ने जिसमें दोनों ने बेहद बारीकी से प्रेगनेंशी के दौरान होने वाली परेशानियों और उस दौरान एक महिला के इमोशंस को पर्दे पर उतारा है...ये फिल्म एक बार सभी को जरूर देखनी चाहिए खासकर लड़कों को, जिससे वे अपने आस-पास मौजूद लड़कियों और महिलाओं को और अच्छे से समझ सकें निश्चित ही जब वे फिल्म देखकर बाहर निकलेंगे तो कुछ संवेनशील होकर निकलेंगे जो इस मशीनी होते दौर में बेहद जरूरी भी है।