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Wednesday, 17 July 2019

लड़की नहीं भाग रही हैं बल्कि समाज इतना धीमे चल रहा है कि उसे हर हक मांगती लड़ती भागती हुई दिख रही है...


साक्षी और अजितेश के मामले में लोगों की वो सोच सामने आ रही है जिसमें किसी की झूठी शान और इज्जत किसी की जान से ज्यादा बढ़कर मानी जा रही है।और दुख इस बात का है कि इस सोच में नई पीड़ी भी शामिल है।सभी को लड़की ही गलत लग रही है, सभी को वो लड़की परिवार के खिलाफ बागी लग रही है लेकिन ‘’बगावत हमेशा बंधन के खिलाफ होती है, डर के खिलाफ होती है, विश्वास के खिलाफ बगावत कभी नहीं होती’’ एक लड़की का घर से भाग जाना समाज के लिए कितनी बड़ी बात हो जाती है? एक परिवार के लिए कितनी शर्म की बात हो जाती है, लेकिन एक लड़की जब भागने का फैसला लेती है तो उसके पीछे डर होता है मौत का, उसे पता है कि अगर वो नहीं भागी तो उसके घरवालों का प्यार जाति से प्यार के सामने बौना हो जाएगा।अहमदाबाद का रहने वाले हरकेश सिंह ने उर्मिला के साथ जिंदगी बिताने और मौत से बचने के लिए 181 नंबर की हेल्पलाइन से मदद मांगी। काउंसलर ने उर्मिला के मां बाप को समझाया भी लेकिन जैसे ही उर्मिला के पिता दशरथ सिंह को पता चला कि बाहर गाड़ी में हरकेश भी है, वे अपने रिश्तेदारों के साथ बाहर आए और हरकेश सिंह को गाड़ी से उतारकर मार दिया। सोचिए पुलिस के सामने मार दिया।आज ऐसी न जाने कितनी ही खबरें आए दिन अखबारों में पढ़ने को मिलती रहती हैं, उन पर एक अजीब सी खामोशी छाई रहती है।वीडियो वायरल होने के बावजूद, पूरा मामला मीडिया में छाने के बावजूद साक्षी और अजितेश पर हमला हो जाता है और वो भी कोर्ट परिसर में सोचिए कितनी सुरक्षित है एक लड़की? दरअसल एक लड़की जो जिंदा है, बोल रही है लोगों को दिक्कत हो रही है। साक्षी मिश्रा उर्मिला की तरह नहीं थी।साक्षी ने अपने विधायक पिता राजेश मिश्रा पर भरोसा नहीं किया। दरअसल कुछ लोगों को दिक्कत ये है कि एक लड़की टीवी पर बैठकर जातिवादी समाज के खिलाफ बोल कैसे रही है उस पारिवारिक ढांचे पर चोट कैसे कर रही है?जिसमें घर की, समाज की सबकी इज्जत का ढेका एक लड़की ही उठाती है,पहले एक घर को घर बनाती है और फिर उसकी मर्जी पूछे बिना उसे किसी और घर पहुंचा दिया जाता है, वो उसे भी अपना घर बना लेती है, ये जानते हुए भी कि उसके घर के बाहर भी कभी उसके नाम की नेम प्लेट तक नहीं लगेगी।ऐसी लड़की जब खुलेआम बोलेगी तो इस समाज को दिक्कत तो होगी ही, ऐसी लड़की की तो तस्वीर टंगी होनी चाहिए थी फूल माला के साथ, और तब टीवी वाले भी उसके फोटो के साथ खबर चलाते ऑनर किलिंग की एक और शिकार, तब ना किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचती न हमारी संस्कृति का इतना नुकसान होता जैसा अब हुआ है।दरअसल लड़की नहीं भाग रही हैं बल्कि समाज इतना धीमे चल रहा है कि उसे हर हक मांगती लड़ती भागती हुई दिख रही है।